Uttar Pradesh : रहमान खेड़ा में बाघ दिखने मचा गांव वालो में हड़कंप, रहमान खेड़ा में बाघ का खौफ सिर्फ इंसानों में नहीं, अपितु वहां के जानवरों में भी देखा गया है गुरुवार को एक दर्जन से ज्यादा सियार व जंगली जानवर बाघ के डर से गांव की तरफ पहुंच रहे थे। वहां रह रहे एक ग्रामीण व्यक्ति ने बाघ को गांव के नाले की तरफ जाते हुए भी देखा था। अब हालात यह है कि बाघ की आवाज से गांव में डर सा बना हुआ और दिन मे बाघ के पंजो के चिन्हों को भी देखा गया है अब तक तीन लोगो ने बाघ को देखने की पुष्टि भी की है।

बाघ को पकड़ने के लिए लखीमपुर से दो एक्सपर्टो को लखनऊ बुलाया गया है वे पहले भी तेंदुओं को पकड़ चुके है। एक्सपर्टो में एक रेंजर एक फारेस्टर शामिल है।
बाघ देखकर डर से भागा युवक
लखनऊ रहमान खेड़ा के दुगौली ग्रामीण निवासी लाखन ने गुरुवार को बाघ को देखा। सीआईएसएच जाने वाली सड़क पर दोपहर में करीब दो या सवा दो बजे उसे बाघ जाते दिखाई दिया। बाघ को देखकर वह डर से भागकर गांव वापस आ गया, और गांव में जाकर सभी लोगों को यह सूचना दी कि उसने कुछ ही दूरी पर बाघ को देखा है। फिर इसकी सूचना फारेस्ट डिपार्टमेन्ट को भी दी। फारेस्ट डिपार्टमेन्ट ने मौके पर पहुंचकर टीम ने पंजों के निशानों को देखकर उसकी पुष्टि की। ड्रोन की मदद से बाघ को देखने की कोशिस की, लेकिन बाघ कहीं दिखाई नहीं पड़ा।
SDO को मिले 50 मीटर की दूरी पर पंजों के निशान
ग्रामीण की सूचना पर SDO हरिलाल लखीमपुर खीरी अपने स्टाफ के साथ मौके पर वहां पहुंचे और बाघ के पैरो के पंजों का पीछा किया। 50 मीटर की दूरी पर बाघ के पंजों निशान साफ दिखाई दिये,फिर उसके बाद जंगल का रास्ता चालू हो गया।
नाले के किनारे मिले पैरो के निशान
फॅारेस्ट डिपार्टमेन्ट टीम को गुरुवार सुबह सवा आठ बजे छानबीन करते समय मीठे नगर पर जाने वाली सड़क पर पुलिया के पास बाघ उसके पैरो के निशान मिले पास तालाब की मेढ़ और बेतवा नाले के पास भी पैरों कें चिन्हों को देखा गया।
विशेषज्ञ बोले – जंगल के सिमटने से भटका बाघ
वन्यजीवों का मानना है कि जंगलो के सिमटने और शहरीकरणों के कारण जंगली जानवर भटकर मानव बस्तियों में आ रहे है। और यही बाघ पास के जंगल से भटककर रहमान खेड़ा और उसके आसपास के इलाकों में पहुंच गया है।