Himachal Pradesh : मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज हमीरपुर में राजीव गांधी वन संवर्धन योजना का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर नादौन के दो महिला मंडलों अमलैहड़ व भवड़ां को प्रमाण-पत्र प्रदान किए। यह दोनों महिला मंडल दो-दो हेक्टेयर वन भूमि पर पौधरोपण करेंगी और पांच वर्षों तक इनकी देखभाल भी सुनिश्चित करेंगी ।

Himachal Pradesh मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हमीरपुर में ‘राजीव गांधी वन संवर्धन योजना’ किया शुभारंभ
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज दो प्रमुख पर्यावरण पहलों- राजीव गांधी वन संवर्धन योजना और हरित अंगीकरण योजना का शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य वन क्षेत्र का विस्तार करना और वन संरक्षण प्रयासों में समुदायों और कॉर्पोरेट्स को शामिल करना है। इस योजना के तहत बंजर और क्षतिग्रस्त वन क्षेत्रों में फलदार पौधों का रोपण कर हरित आवरण बढ़ाया जाएगा। इस योजना से महिला मंडलों, युवक मंडलों और स्वयं सहायता समूहों को जोड़कर लोगों को रोज़गार और आय के अवसर भी उपलब्ध करवाए जाएंगे। हमीरपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने नादौन (अमलेहड़ और भावड़ा) के दो महिला समूहों को प्रमाण पत्र प्रदान किए,जो दो हेक्टेयर बंजर वन भूमि पर पौधारोपण गतिविधियां चलाएंगी तथा पांच वर्षों तक उनका रख रखाव करेंगी ।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त वन मित्रों की पासिंग परेड का निरीक्षण किया और उनके साथ संवाद किया। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वन विभाग में फील्ड स्टाफ की कमी थी, जिससे वन संरक्षण में बाधा आ रही थी। इसलिए मेरिट के आधार पर वन मित्रों की नियुक्ति की गई है और इसमें बेटियां नौकरियां प्राप्त करने में आगे निकल गई। आप निश्चिंत रहिए,आपकी भविष्य की नीति पर विचार किया जाएगा। आप ही वनों के सच्चे संरक्षक हैं। राज्य सरकार ने पुलिस भर्ती में भी महिलाओं के लिए आरक्षण को बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दिया है। लाहौल-स्पीति में उपायुक्त से लेकर सभी प्रशासनिक अधिकारी महिलाएं हैं और फैसले लेने का अधिकार उन्हें दिया गया है।’’
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CM सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ‘देवभूमि’ के नाम से जाना जाता है। हमारी यह पवित्र भूमि न केवल संस्कृति और आस्था का केंद्र है, बल्कि प्रकृति ने अनेक उपहार दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की वन संपदा पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ हमारी अर्थव्यवस्था और पर्यटन के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व योगदान दे रही हैं। वनों के महत्त्व को देखते हुए हमारी सरकार ने सत्ता की बागडोर संभालते ही हिमाचल प्रदेश को ग्रीन राज्य बनाने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया।