National : मणिपुर में बुधवार को लगातार दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए,जिससे पूरे पूर्वोत्तर में कंपन हुआ । इनमें से एक की तीव्रता 5.7 थी। जानकारी के मुताबिक,5.7 तीव्रता का भूकंप सुबह 11.06 बजे आया। मणिपुर में दोपहर 12.20 बजे 4.1 तीव्रता का दूसरा भूकंप आया। भूकंप का केंद्र राज्य के कामजोंग जिले में 66 किलोमीटर की गहराई में था।

National मणिपुर में भूकंप के दो तेज झटके
मणिपुर में बुधवार को लगातार दो भूकंप आने से लोगों में बैठी दहशत सी बैठ गई । भूकंप के डर से लोग अपने अपने घरों से बहार दिखाई पड़े । केंद्र के अधिकारियों के मुताबिक भूकंप के झटके असम,मेघालय और क्षेत्र के अन्य हिस्सों में महसूस किए गए। मणिपुर में दोपहर 12.20 बजे 4.1 तीव्रता का दूसरा भूकंप आया। भूकंप का केंद्र राज्य के कामजोंग जिले में 66 किलोमीटर की गहराई में था। सुबह की शांति में अचानक आए इन झटकों ने मणिपुर के लोगों को चौंका दिया। घरों की दीवारें हिलीं,खिड़कियों के शीशे खड़खड़ाए,और कुछ लोग डर के मारे बाहर खुले मैदानों की ओर भागे। भूकंप के ये झटके न सिर्फ मणिपुर में,बल्कि पड़ोसी राज्यों और यहां तक कि सीमा पार कुछ इलाकों में भी महसूस किए गए। कुछ देर के लिए दहशत का माहौल बन गया,हालांकि राहत की बात यह रही कि किसी के घायल होने या बड़े नुकसान की खबर नहीं आई।
कुछ दिनों में आए बड़े भूकंप
17 फरवरी 2025 : दिल्ली-एनसीआर में सुबह 5:37 बजे 4.0 तीव्रता का भूकंप। इसका केंद्र धौला कुआँ के पास था,और गहराई सिर्फ 5 किलोमीटर। ऊँची इमारतें हिलीं,और लोग डर से घरों से बाहर निकल आए।
16 फरवरी 2025 : तिब्बत में 3.5 से 4.5 तीव्रता के चार भूकंप, जिनके झटके अरुणाचल प्रदेश तक महसूस हुए।
28 फरवरी 2025 : बिहार में सुबह 8:02 बजे 4.0 तीव्रता का भूकंप। पटना और आसपास के इलाकों में दहशत फैली।
3 मार्च 2025 : बंगाल की खाड़ी में 4.4 तीव्रता का भूकंप, जिसकी गहराई 70 किलोमीटर थी। यह समुद्री क्षेत्र में था, इसलिए ज्यादा असर नहीं हुआ।
5 मार्च 2025 : मणिपुर का याइरीपोक भूकंप, 5.6 तीव्रता के साथ, जो आज की ताजा घटना है।
भूकंप के दौरान क्या करें ?
भूकंप के दौरान जितना संभव हो उतना सुरक्षित रहें। इस बात के प्रति सतर्क रहें कि कौन-से भूकंप वास्तव में इसकी पूर्व-चेतावनी देने वाले भूकंप के झटके होते हैं और बाद में बड़ा भूकंप भी आ सकता है। धीरे-धीरे कुछ कदमों तक सीमित हलचल करें जिससे पास में किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंच सकें और भूकंप के झटकों के रुकने पर घर में तब तक रहें जब तक कि आपको यह सुनिश्चित हो जाएं कि बाहर निकलना सुरक्षित है।
अगर आप घर के अंदर हों
1.आप यदि घर के अंदर हों तो जमीन पर झुक जाएं,किसी मजबूत मेज अथवा फर्नीचर के किसी हिस्से के नीचे शरण लें या तब तक मजबूती से पकड़कर बैठे रहें जब तक कि भूकंप के झटके न रुक जाएं। यदि आपके पास कोई मेज या डेस्क न हो तो अपने चेहरे तथा सिर को अपने बाजुओं से ढक लें और बिल्डिंग के किसी कोने में झुक कर बैठ जाएं।
2.सीसे, खिड़कियों,दरवाजों तथा दीवारों से दूर रहें या ऐसी कोई चीज जो गिर सकती हो (जैसे लाइटिंग फिक्सचर्स या फर्नीचर),से दूर रहें।
3.किसी आंतरिक दरवाजे के लेंटर,किसी कमरे के कोने में,किसी मेज या यहां तक कि किसी पलंग के नीचे रुककर अपने आपको बचाएं।
अगर आप घर के बाहर हों
- यदि आप घर के बाहर हों तो जहां हों वहां से आप न हिलें। इसके साथ ही बिल्डिंग,पेड़ों,स्ट्रीट लाइटों तथा बिजली/टेलीफोन आदि की तारों आदि से दूर रहें ।
2.भीड़भाड़ वाली जगह है,तो भगदड़ से बचें,शांत रहें और सुरक्षित स्थान की ओर बढ़ें ।
3.यदि आप किसी खुली जगह पर हों तो वहां तब तक रुके रहें जब तक कि भूकंप के झटके न रुक जाएं। सबसे बड़ा खतरा बिल्डिंग के बाहर,निकास द्वारों तथा इसकी बाहरी दीवारों के पास होता है। भूकंप से संबंधित अधिकांष दुर्घटनाएं दीवारों के गिरने, टूटकर गिरने वाले कांच तथा गिरने वाली वस्तुओं के कारण होती हैं ।
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भूकंप आने के कारण
वैज्ञानिकों के मुताबिक,भारत की भौगोलिक स्थिति इसे भूकंप के लिए संवेदनशील बनाती है। हमारा देश भारतीय टेक्टोनिक प्लेट पर बसा है,जो हर साल करीब 4-5 सेंटीमीटर की रफ्तार से उत्तर की ओर यूरेशियन प्लेट की तरफ खिसक रही है। यह टक्कर हिमालय जैसे विशाल पर्वतों को जन्म देती है, लेकिन इसके साथ ही भूकंपीय ऊर्जा भी जमा करती है। जब यह ऊर्जा अचानक बाहर निकलती है,तो भूकंप आते हैं। पूर्वोत्तर भारत,जिसमें मणिपुर भी शामिल है इस टक्कर के सबसे सक्रिय क्षेत्रों में से एक है। यहाँ कई फॉल्ट लाइनें हैं—जैसे मेन सेंट्रल थ्रस्ट और कोपिली फॉल्ट—जो बार-बार सक्रिय होती हैं। मणिपुर का याइरीपोक भी इसी भूकंपीय जोन-5 में आता है,जो देश का सबसे खतरनाक क्षेत्र माना जाता है।