Friday, June 6, 2025
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जनवरी माह में गर्मी का अहसास,टूटा 4 साल का रिकॉर्ड,जाने वजह

Uttar Pradesh Weather : यूपी में जनवरी के माह ने इस बार इतिहास रचा है। इस बार 20 जनवरी 2025 को अधिकतम तापमान 26.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया । दो दिन पहले तक गलन और कोहरे से डूबी प्रदेश की राजधानी में 20 जनवरी को चुभने वाली धूप महसूस हुई। जनवरी में गर्मी का पिछले चार वर्षों का रिकोर्ड तोड़ दिया। इससे पूर्व साल 2021 की जनवरी की सर्दियों में ऐसी तपिश देखने को मिली थी। यह स्थिति न केवल आम लोगों के लिए असामान्य है,बल्कि किसानों और मौसम विज्ञानियों के लिए भी चिंता का विषय बन गई है। जबकि जनवरी में अभी 10 दिन बाकी बचे हैं।

Uttar Pradesh की सर्दी में गर्मी

मौसम विभाग के अनुसार यह बदलाव पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण हुआ है। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक का कहना है 30 से 40 किमी प्रति घंटे की तेज रफ्तार पछुआ हवा से कोहरा छंटा है कोहरे की मौजूदगी न होने से तपिश भरी धूप सीधे जमीन तक पहुंची जिससे पारे में उछाल देखा गया । सोमवार के दिन लखनऊ में दिन का तापमान 4.2 डिग्री सेल्सियस की उछाल के साथ 26.6 डिग्री सेल्सियस और 2.7 डिग्री की उछाल के साथ रात का पारा 11.5 डिग्री सेल्सियस रिकोर्ड किया गया। गुरुवार से सोमवार के मध्य 72 घंटों में दिन के पारे में 9.2 डिग्री का उछाल आया है। गुरुवार को दिन का तापमान 17.4 डिग्री था जबकि सोमवार को यह 26.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। वहीं लखनऊ में सोमवार को दिन में 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पछुआ हवाएं चलीं,इससे यहां की हवा की गुणवत्ता में भी थोड़ा सुधार दिखा। सोमवार सुबह 10 बजे से धूप तेज होनी शुरू हो गई,और अपराह्न तक इतनी तेज़ हो गई जिससे लोग गर्म कपड़े उतारने को मजबूर हो गए। मौसम विभाग के अनुसार 24 जनवरी से तापमान में गिरावट आ सकती है। हालांकि,अभी कोल्ड डे जैसे हालात की संभावना नहीं है। अगले तीन से चार दिन तक गर्मी का यह दौर जारी रह सकता है ।

मौसम परिवर्तन से किसान हुए चिंतित

जनवरी में गर्मी आभास होने के कारण किसानो को चिंता में डाल दिया हैं। गेहूं की फसल पर इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है। क्योंकि अचानक गर्मी बढ़ने से फसलों को नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है। यदि यही स्थिति बनी रही,तो फसलों की वृद्धि और उत्पादन में गिरावट हो सकती है। पहले हमेशा गर्मी मार्च महीने में ही शुरू होती थी। जिस कारण इस बार समय से पहले गर्मी आने से किसानों की फसलों को नुकसान हो सकता है।

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