Uttar Pradesh : महाकुंभ अर्थव्यवस्था का एक मजबूत स्तंभ बन गया है। यह आयोजन प्रयागराज को आध्यात्मिक और व्यावसायिक गतिविधियों का केंद्र बनाकर भविष्य के लिए एक मिसाल पेश कर रहा है। महाकुंभ ने न केवल श्रद्धालुओं की आस्था को बल दिया है,बल्कि शहर की अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। प्रयागराज के साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों में रोजगार के नए अवसर लोगों को मिल गए। इस 45-दिवसीय आयोजन में लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना है। आतिथ्य,खाद्य,ऊनी कपड़ों,कंबलों, गद्दों और इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स की बिक्री में महाकुंभ के शुरुआती दिनों में ही 30-40 फीसदी तक का उछाल आया है।

Uttar Pradesh महाकुंभ में बरसी लक्ष्मी
महाकुंभ ने विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक आर्थिक अवसर उत्पन्न किए हैं। महाकुंभ के दौरान दैनिक आवश्यक वस्तुओं से 17,310 करोड़ रुपये का कारोबार होने का अनुमान है। पूजा सामग्री,फूल,अनाज,खाद्य तेल,सब्जियां,और डेयरी उत्पाद जैसे सामानों की बिक्री में बड़ा उछाल देखा गया है। छोटे उद्योगों और कारीगरों को विशेष लाभ मिल रहा है। पूजा सामग्री,कपड़े और स्मृति चिह्नों की खरीदारी में हस्तशिल्प,रेडीमेड वस्त्र और खाद्य पदार्थों का व्यापार फल-फूल रहा है। गौतमबुद्धनगर,कानपुर,गाजियाबाद,बनारस,मिर्जापुर और उन्नाव के कारीगरों और उद्यमियों को सीधा लाभ मिल रहा है।

कुछ जिले भी हुए मालामाल
भीड़ प्रबंधन,स्वच्छता,बिजली और पानी की आपूर्ति जैसी सेवाओं ने कई जिलों को आर्थिक लाभ पहुंचाया है। गोरखपुर,मेरठ,हापुड़,लखनऊ जैसे जिलों में रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं। प्रदेश के 82 और देश के 178 बड़े ब्रांड्स ने 9,000 से अधिक युवाओं को अस्थायी रोजगार प्रदान किया है। महाकुंभ ने परिवहन,होटल,रेस्तरां और अन्य सेवा क्षेत्रों में मांग को 80 गुना तक बढ़ा दिया है। निर्माण,सुरक्षा,स्वच्छता और स्वास्थ्य सेवाओं में लगभग 10,000 श्रमिकों को रोजगार मिला है। गोंडा,देवरिया,बलिया,महराजगंज जैसे जिलों से इन क्षेत्रों में कार्यबल की आपूर्ति हो रही है।
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